चिट्ठियाँ - कुछ ज़रूरी ख़त
Duration
0hr 43m
Language
Urdu
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Category
Entertainment
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"पुराने ज़माने में जब लोग एक दूसरे से राब्ता करना चाहते थे तो उनके पास ज़रिये बहुत कम थे, एक चिट्ठी ही जुड़ने का ऐसा ज़रिया था, जो दिलों के हाल एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा सकती थी और इस चिट्ठियों की भी अपनी एक अलग ही खूबसूरती हुआ करती थी। उनका महीनों हफ़्तों लोग इंतज़ार किया करते थे और उनके अंदर एक अलग ही जज़्बात हुआ करते थे। कुछ ऐसे ही खूबसूरत ख़तों से सराबोर शो लेकर आएं है हम आपकी खिदमत में जिसका नाम हैं ''चिट्ठियां-कुछ ज़रूरी ख़त''।
इस शो में हम सुनेंगे ऐसे ही कुछ ख़ास ख़तों को और जानेंगे उन से जुड़े किस्सों के बारे में।"
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चिट्ठियाँ - कुछ ज़रूरी ख़त
About Show
"पुराने ज़माने में जब लोग एक दूसरे से राब्ता करना चाहते थे तो उनके पास ज़रिये बहुत कम थे, एक चिट्ठी ही जुड़ने का ऐसा ज़रिया था, जो दिलों के हाल एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा सकती थी और इस चिट्ठियों की भी अपनी एक अलग ही खूबसूरती हुआ करती थी। उनका महीनों हफ़्तों लोग इंतज़ार किया करते थे और उनके अंदर एक अलग ही जज़्बात हुआ करते थे। कुछ ऐसे ही खूबसूरत ख़तों से सराबोर शो लेकर आएं है हम आपकी खिदमत में जिसका नाम हैं ''चिट्ठियां-कुछ ज़रूरी ख़त''।
इस शो में हम सुनेंगे ऐसे ही कुछ ख़ास ख़तों को और जानेंगे उन से जुड़े किस्सों के बारे में।"
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